भारतीय शेयर बाजार में सोमवार सुबह शुरुआती कारोबार के दौरान गिरावट देखने को मिली। कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में कमजोरी, वैश्विक व्यापार समझौते में अनिश्चितता और विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार फंड निकासी ने बाजार की धारणा को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया।
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, निवेशकों में यह चिंता बनी हुई है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौतों में देरी से भारतीय अर्थव्यवस्था और कॉर्पोरेट आय पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसी के चलते बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र के शेयरों में सबसे ज्यादा दबाव देखा गया, जिसमें कोटक बैंक प्रमुख रूप से शामिल रहा।
इसके अलावा, एशियाई बाजारों में कमजोर रुझानों ने भी भारतीय निवेशकों की भावना को प्रभावित किया। जापान, हांगकांग और चीन के प्रमुख शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई, जिससे घरेलू बाजार में निवेशकों का विश्वास और कमजोर हुआ।
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विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने हाल के दिनों में भारतीय बाजार से लगातार पूंजी निकासी की है। विश्लेषकों का कहना है कि यह ट्रेंड निकट भविष्य में जारी रह सकता है, खासकर तब तक जब तक वैश्विक आर्थिक परिदृश्य और व्यापार नीतियों को लेकर स्पष्टता नहीं आती।
शेयर बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं। वैश्विक संकेतों में सुधार और व्यापार समझौतों पर सकारात्मक खबर आने तक बाजार में स्थिरता आने की संभावना कम है।
बाजार विश्लेषकों ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे इस समय उच्च जोखिम वाले शेयरों में निवेश से बचें और दीर्घकालिक सुरक्षित निवेश विकल्पों पर ध्यान दें, जब तक कि वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों में सुधार नहीं होता।
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