अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में भारतीय रुपया शुरुआती कारोबार में 9 पैसे मजबूत होकर 86.43 प्रति अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया। पिछले सत्र में रुपया 86.52 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) कारोबारियों ने बताया कि रुपये में यह मामूली मजबूती आई है, लेकिन यह सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है। आयातकों की ओर से डॉलर की मांग बनी रहने के कारण अमेरिकी मुद्रा रुपये के मुकाबले ऊंचे स्तर पर बनी हुई है।
कारोबारी सूत्रों का कहना है कि वैश्विक बाजारों में डॉलर का दबदबा जारी है, जिससे रुपये की बढ़त सीमित रही। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में हल्की बढ़ोतरी और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा भारतीय शेयर बाजार से पूंजी निकासी भी रुपये पर दबाव डाल रही है।
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हालांकि, घरेलू इक्विटी बाजार में सकारात्मक रुझान और विदेशी मुद्रा भंडार की मजबूती ने रुपये को कुछ समर्थन दिया। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि निकट भविष्य में रुपया 86.30 से 86.60 के दायरे में कारोबार कर सकता है।
विदेशी मुद्रा डीलरों ने यह भी कहा कि वैश्विक आर्थिक संकेतकों, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीतियों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौतों से जुड़े समाचारों का भी रुपये की चाल पर असर पड़ेगा।
विश्लेषकों का मानना है कि फिलहाल रुपये में बड़ी मजबूती की संभावना नहीं है, लेकिन अगर विदेशी निवेश का प्रवाह बढ़ता है और डॉलर की मांग कम होती है, तो यह 86 प्रति डॉलर के स्तर तक पहुंच सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की विनिमय दर से जुड़े हस्तक्षेप भी रुपये की चाल को प्रभावित कर सकते हैं।
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