लगातार चार दिन की तेजी के बाद भारतीय शेयर बाजार में बुधवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट देखने को मिली। कमजोर एशियाई संकेतों के कारण निवेशकों ने मुनाफावसूली की, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में दबाव दिखाई दिया।
बीएसई का 30-शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 146.64 अंक गिरकर 81,497.75 पर पहुंच गया। इसी तरह, एनएसई का निफ्टी भी नीचे खुला और प्रमुख सेक्टरों में बिकवाली देखी गई। बैंकिंग, ऑटो और आईटी शेयरों में हल्की गिरावट से बाजार का रुख कमजोर रहा।
विश्लेषकों का कहना है कि एशियाई बाजारों की कमजोरी का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा है। जापान, हांगकांग और दक्षिण कोरिया के शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा। इसके अलावा, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव ने भी बाजार पर दबाव बनाया।
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निवेशकों का ध्यान इस सप्ताह जारी होने वाले अमेरिकी फेडरल रिजर्व के मिनट्स और घरेलू आर्थिक आंकड़ों पर टिका है। विशेषज्ञों का मानना है कि हाल की तेज रफ्तार बढ़त के बाद बाजार में स्वाभाविक रूप से मुनाफावसूली देखने को मिल रही है। हालांकि, लंबी अवधि में बाजार का रुख अभी भी सकारात्मक माना जा रहा है।
शेयर बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से घबराने की आवश्यकता नहीं है और गुणवत्ता वाले शेयरों में निवेश का यह समय उपयुक्त हो सकता है।
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