केंद्र सरकार ने वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (VIL) के एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) से जुड़े बकाया पर अगले पाँच वर्षों के लिए रोक लगाने का फैसला किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस कदम से दूरसंचार कंपनी को वित्तीय स्थिरता हासिल करने और अपने अस्तित्व के लिए आवश्यक पूंजी जुटाने में राहत मिलेगी।
इस फैसले को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली है। सरकार का मानना है कि वोडाफोन आइडिया पर एजीआर बकाया को अस्थायी रूप से स्थगित करने से कंपनी को अपने परिचालन को संभालने और निवेश आकर्षित करने के लिए जरूरी समय मिलेगा। अधिकारी के अनुसार, इस निर्णय का उद्देश्य न केवल दूरसंचार क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बनाए रखना है, बल्कि वोडाफोन आइडिया से जुड़े करीब 20 करोड़ उपभोक्ताओं के हितों की भी रक्षा करना है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की वोडाफोन आइडिया में लगभग 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ऐसे में सरकार कंपनी की वित्तीय स्थिति को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर वोडाफोन आइडिया जैसी बड़ी टेलीकॉम कंपनी बाजार से बाहर होती है, तो इसका सीधा असर प्रतिस्पर्धा, उपभोक्ताओं की पसंद और सेवा की गुणवत्ता पर पड़ सकता है।
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एजीआर बकाया लंबे समय से भारतीय दूरसंचार कंपनियों के लिए एक बड़ी चुनौती रहा है। इससे पहले भी सरकार ने दूरसंचार क्षेत्र को राहत देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें भुगतान की समयसीमा बढ़ाना और इक्विटी में बदलाव जैसे फैसले शामिल हैं।
वोडाफोन आइडिया के लिए यह निर्णय ऐसे समय पर आया है, जब कंपनी नेटवर्क विस्तार, 5G सेवाओं की तैयारी और ग्राहकों को बनाए रखने के लिए निवेश की तलाश में है। सरकार को उम्मीद है कि इस राहत से कंपनी को पुनर्जीवित होने में मदद मिलेगी और दूरसंचार क्षेत्र में संतुलन और स्थिरता बनी रहेगी।
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