भारत के यात्री वाहन उद्योग ने नवंबर 2025 में मजबूत सालाना वृद्धि दर्ज की है। The Indian Witness की एक रिपोर्ट के अनुसार, त्योहारी सीजन के बाद भी बनी हुई मांग, हालिया जीएसटी दरों में कटौती और सर्दियों के विवाह मौसम के चलते थोक और खुदरा दोनों स्तरों पर बिक्री में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नवंबर में यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री में साल-दर-साल आधार पर 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई, हालांकि यह अक्टूबर में त्योहारी मांग के चरम स्तर से 29 प्रतिशत कम रही। वहीं, थोक बिक्री 19 प्रतिशत बढ़कर 4.1 लाख यूनिट तक पहुंच गई, क्योंकि वाहन निर्माताओं ने मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बनाए रखा।
रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने वित्त वर्ष 2026 में यात्री वाहनों की थोक बिक्री में 1 से 4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया है। यह वृद्धि स्थिर मांग, जीएसटी कटौती, नए मॉडलों की लॉन्चिंग और बाजार में बनी सकारात्मक गति से समर्थित रहेगी।
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रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 के पहले आठ महीनों में थोक बिक्री में 3.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि खुदरा बिक्री में यह वृद्धि 6.1 प्रतिशत रही। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर 2025 तक इन्वेंट्री स्तर घटकर 44-46 दिनों पर आ गया, जो सितंबर के अंत में 60 दिन था।
नवंबर में यूटिलिटी वाहनों की हिस्सेदारी यात्री वाहन बाजार में 67 प्रतिशत रही, जो अक्टूबर में 69 प्रतिशत थी। वहीं, जीएसटी कटौती के बाद मिनी, कॉम्पैक्ट और सुपर-कॉम्पैक्ट सेगमेंट में फिर से तेजी देखने को मिली।
अन्य श्रेणियों में भी मजबूती दिखी। नवंबर में तीन-पहिया वाहनों की बिक्री 21.3 प्रतिशत बढ़कर 71,999 यूनिट रही, जबकि दो-पहिया वाहनों की बिक्री 21.2 प्रतिशत बढ़कर 19,44,475 यूनिट तक पहुंच गई। स्कूटर बिक्री में 29.4 प्रतिशत की तेज बढ़त दर्ज की गई, वहीं मोटरसाइकिल बिक्री में 17.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुकूल नीतिगत सुधार और बेहतर बाजार धारणा के चलते यह विकास रुझान वर्ष 2026 तक जारी रहने की संभावना है।
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