साइबर अपराधियों के वित्तीय नेटवर्क को तोड़ने के उद्देश्य से अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने “म्यूल अकाउंट्स” के खिलाफ राज्यभर में बड़े पैमाने पर कार्रवाई तेज कर दी है। ये बैंक खाते उन साइबर गिरोहों द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं, जो ऑनलाइन धोखाधड़ी से कमाए गए पैसों को इधर-उधर कर छिपाने और मनी लॉन्ड्रिंग करने के लिए चैनल के रूप में उपयोग करते हैं।
क्राइम ब्रांच के अनुसार, राज्यव्यापी कार्रवाई के तहत अब तक तीन एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे यह संकेत मिलता है कि अब केवल साइबर अपराधियों पर ही नहीं, बल्कि उन व्यक्तियों और तंत्रों पर भी शिकंजा कसा जाएगा जो उनके लिए सहायता प्रणाली का कार्य करते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि तीन मामलों में ऐसे लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने अपने बैंक खातों को किराए पर देकर या संचालित करके अवैध ऑनलाइन लेनदेन को संभव बनाया। जांचकर्ताओं का कहना है कि ये खाते धोखाधड़ी से प्राप्त पैसों को छिपाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे साइबर अपराधी पहचान से बच जाते हैं।
और पढ़ें: एआई डीपफेक वीडियो में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को दिखाए जाने पर मामला दर्ज
क्राइम ब्रांच की जांच से यह भी स्पष्ट हुआ है कि कई बार बैंक स्तर पर लापरवाही और KYC नियमों के ढीले पालन के कारण म्यूल अकाउंट्स बन पाते हैं। इसीलिए अधिकारियों ने बैंकिंग संस्थानों को सख्त निगरानी, रिपोर्टिंग और संदिग्ध लेनदेन पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
अधिकारियों का कहना है कि म्यूल अकाउंट्स के खिलाफ यह अभियान साइबर अपराध की जड़ों पर चोट करने जैसा है, क्योंकि इन खातों के बिना बड़े पैमाने पर होने वाले ऑनलाइन फ्रॉड को अंजाम देना संभव नहीं होता।
क्राइम ब्रांच का लक्ष्य है कि पूरे राज्य में फैले ऐसे खाताधारकों, संगठित गिरोहों और बैंकिंग सहयोगियों की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। अधिकारियों का मानना है कि यह कदम साइबर अपराध की रोकथाम और वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में बड़ा बदलाव लाएगा।
और पढ़ें: म्यांमार में साइबर क्राइम के लिए युवाओं की तस्करी: उत्तराखंड में तीन एजेंट गिरफ्तार