बेंगलुरु पुलिस ने एक डीपफेक वीडियो के खिलाफ मामला दर्ज किया है जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक कथित निवेश योजना का प्रचार करते हुए दिखाया गया है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा था और लोगों को धोखाधड़ी योजना में निवेश करने के लिए गुमराह कर रहा था।
मल्लेश्वरम पुलिस स्टेशन में 24 नवंबर को दर्ज शिकायत के अनुसार, फेसबुक पर एक एडिटेड डिजिटल वीडियो प्रसारित किया जा रहा था, जिसमें वित्त मंत्री को एक “लाभदायक निवेश योजना” को बढ़ावा देते हुए गलत तरीके से दिखाया गया था। पुलिस का कहना है कि यह वीडियो एक फर्जी वित्तीय योजना में लोगों को फंसाने के उद्देश्य से फैलाया गया।
अधिकारियों के अनुसार, इस तरह की सामग्री निर्दोष नागरिकों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा सकती है, खासकर उन लोगों को जो मंत्री के बयानों को वास्तविक समझकर निवेश कर सकते हैं। साइबरक्राइम यूनिट वीडियो के स्रोत का पता लगाने, उसे बनाने वालों की पहचान करने और गलत सूचना, प्रतिरूपण और ऑनलाइन धोखाधड़ी से जुड़ी धाराओं के तहत कार्रवाई कर रही है। यह भी जांच की जा रही है कि क्या ऐसे और वीडियो प्रसारित हो रहे हैं।
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यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब सीतारमण ने 7 अक्टूबर को मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 के दौरान डीपफेक सामग्री के बढ़ते खतरे पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि वही तकनीक जो नवाचार को बढ़ावा देती है, उसे धोखे और अपराध के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
उन्होंने चेतावनी दी थी कि नई पीढ़ी का साइबर अपराध "फायरवॉल तोड़ने" का नहीं बल्कि “विश्वास को हैक करने” का है। अपराधी एआई का उपयोग कर आवाजों की नकल, पहचान की क्लोनिंग और वास्तविक जैसे वीडियो तैयार कर लोगों को धोखा दे रहे हैं।
सीतारमण ने जोर देकर कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए फिनटेक इनोवेटर्स, निवेशकों और नियामकों को मिलकर काम करना होगा, क्योंकि एआई तेजी से वित्त, शासन और रोजमर्रा की जिंदगी को बदल रहा है।
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