छत्तीसगढ़ की एक अदालत ने दो केरल ननों की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली है और आदेश को सुरक्षित रख लिया है। यह मामला हाल ही में राज्य में दर्ज हुए एक विवादित प्रकरण से जुड़ा है।
ननों की ओर से पैरवी कर रहे डिफेंस वकील अमृतो दास ने बताया कि पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि तीनों महिलाओं के माता-पिता ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनकी बेटियों को न तो जबरदस्ती ले जाया जा रहा था और न ही किसी तरह का धोखाधड़ी का मामला है।
वकील दास ने कहा, “हमने अदालत में यह प्रस्तुत किया कि आरोप निराधार हैं और गिरफ्तारी अनुचित है। महिलाएं स्वेच्छा से अपने कार्य में लगी थीं और किसी तरह का दबाव या अपराध नहीं हुआ है।”
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अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि आदेश बाद में जारी किया जाएगा। इस बीच, ननों को न्यायिक हिरासत में रखा गया है।
मामला राजनीतिक रूप से भी चर्चा में है क्योंकि इसे लेकर केरल और छत्तीसगढ़ की राजनीति में बयानबाजी तेज हो गई है। केरल से कई राजनीतिक और धार्मिक प्रतिनिधि ननों की रिहाई की मांग कर चुके हैं।
अदालत का अगला फैसला यह तय करेगा कि ननों को जमानत मिलेगी या उन्हें हिरासत में रहना पड़ेगा।
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