कोडीन युक्त कफ सिरप रैकेट की जांच के दौरान गिरफ्तार किए गए पूर्व पुलिस आलोक प्रताप सिंह के लखनऊ स्थित आलीशान आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी ने अधिकारियों का ध्यान खींचा है। यूरोपीय शैली की साज-सज्जा, घुमावदार सीढ़ियां, विंटेज लाइटिंग और महंगे सामानों से सुसज्जित यह दो मंजिला कोठी देखकर जांच एजेंसियां भी हैरान हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 2 दिसंबर 2025 को आलोक प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया था। उन्हें पुलिस सेवा से दो बार बर्खास्त किया जा चुका है। उनका नाम इस अवैध कफ सिरप नेटवर्क की जांच के दौरान एक अन्य आरोपी अमित कुमार सिंह उर्फ अमित टाटा की पूछताछ में सामने आया। फिलहाल वह लखनऊ जेल में बंद हैं।
अहमामऊ क्षेत्र में लखनऊ-सुल्तानपुर हाईवे के पास स्थित करीब 7,000 वर्गफुट में फैली इस कोठी के बाहरी हिस्से में ऊंचे खंभे और चौड़ी बालकनियों पर नक्काशीदार रेलिंग हैं, जबकि अंदर क्रीम रंग की दीवारें और महंगे फिटिंग्स लगे हैं। ईडी की शुक्रवार (14 दिसंबर 2025) को हुई छापेमारी में प्राडा और गुच्ची के हैंडबैग, राडो की महंगी घड़ियां और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए।
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जांच से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुरुआती आकलन के अनुसार, केवल इंटीरियर पर ही 1.5 से 2 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जबकि मकान निर्माण की लागत लगभग 5 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। अवैध धन के इस्तेमाल की जांच के लिए सरकारी मूल्यांकनकर्ता नियुक्त किया गया है।
पुलिस का आरोप है कि सिंह उत्तर प्रदेश और झारखंड में थोक कफ सिरप इकाइयों के नेटवर्क का हिस्सा था और पुलिस व राजनीतिक संपर्कों का इस्तेमाल करता था। यह मामला राज्यभर में अवैध रूप से कोडीन आधारित कफ सिरप के भंडारण और वितरण की व्यापक जांच का हिस्सा है। अब तक करीब 3.5 लाख बोतलें जब्त की जा चुकी हैं और 32 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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