लंदन में भारतीय राजनयिकों और अन्य देशों के राजनयिक मिशनों पर पार्किंग और कंजेशन चार्ज के जुर्माने का कुल बकाया £9.2 मिलियन (लगभग ₹97 करोड़) से अधिक हो गया है। यह खुलासा ब्रिटिश सरकार द्वारा जारी हालिया आंकड़ों में हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, जापान, अमेरिका और भारत जैसे प्रमुख देशों के दूतावासों ने ब्रिटिश राजधानी में अपने वाहनों के लिए कंजेशन चार्ज का भुगतान करने से इनकार कर दिया है। इन मिशनों का तर्क है कि वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस (1961) के अनुसार राजनयिकों को स्थानीय करों से छूट प्राप्त है।
ब्रिटिश सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग का कहना है कि ये बकाया राशि पिछले कई वर्षों से बढ़ती जा रही है। अकेले भारतीय राजनयिकों पर लाखों पाउंड का जुर्माना बकाया है। वहीं जापान और अमेरिका के राजनयिक मिशनों ने भी इसी तरह से भुगतान करने से मना कर दिया है।
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लंदन का कंजेशन चार्ज सेंट्रल लंदन में वाहनों के प्रवेश पर लगाया जाने वाला शुल्क है, जिसका उद्देश्य ट्रैफिक जाम कम करना और वायु गुणवत्ता में सुधार करना है। ब्रिटिश अधिकारियों का मानना है कि यह टैक्स नहीं बल्कि सेवा शुल्क है, इसलिए इसे वियना कन्वेंशन के तहत छूट नहीं मिलनी चाहिए।
हालांकि भारतीय मिशन सहित अन्य देशों के दूतावासों का कहना है कि कंजेशन चार्ज टैक्स की श्रेणी में आता है, इसलिए वे इसे चुकाने के लिए बाध्य नहीं हैं। यह विवाद कई वर्षों से जारी है और अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा है।
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