सिंगापुर की हाई कोर्ट ने 58 वर्षीय भारतीय नागरिक रामलिंगम सेल्वासेकरन को नाबालिग लड़की के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में 14 साल, तीन महीने और दो हफ्ते की सजा सुनाई है। अदालत ने स्पष्ट किया कि आरोपी की उम्र 50 वर्ष से अधिक होने के कारण उसे कोड़े नहीं लगाए जाएंगे।
हालांकि, सजा में 15 कोड़ों की सजा के बदले अतिरिक्त जेल अवधि जोड़ी गई है। अदालत ने इस गंभीर अपराध को देखते हुए सख्त सजा का आदेश दिया, ताकि समाज में इस तरह के अपराधों के प्रति कड़ा संदेश भेजा जा सके।
मामला उस समय सामने आया जब पीड़ित लड़की ने घटना की जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। जांच के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर आरोपी पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए गए। सुनवाई के दौरान अदालत ने पीड़िता के मानसिक और शारीरिक आघात को ध्यान में रखते हुए सख्त दंड देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
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सिंगापुर में नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों पर कठोर कानून लागू हैं। इस मामले में अदालत ने कहा कि ऐसे अपराधों के लिए किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जा सकती।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला न केवल पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में यौन अपराधों को रोकने के लिए भी एक सशक्त संदेश देगा। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि सजा पूरी होने तक आरोपी को पुनर्वास और काउंसलिंग कार्यक्रमों में शामिल किया जाएगा।
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