केरल के पलक्कड़ से विधायक राहुल ममकूटाथिल को बुधवार (10 दिसंबर 2025) को तिरुवनंतपुरम की प्रिंसिपल सेशंस जज एस. नज़ीरा ने दूसरे दुष्कर्म मामले में अग्रिम जमानत प्रदान की। उन पर आरोप है कि उन्होंने 2023 में विवाह पर चर्चा करने के बहाने पथानमथिट्टा ज़िले के अडूर स्थित एक होमस्टे में एक युवती को बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
यह विधायक के खिलाफ दर्ज दूसरा दुष्कर्म मामला है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ गई है। कोर्ट ने जमानत देते हुए कई कड़े निर्देश जारी किए। अदालत ने ममकूटाथिल को आदेश दिया कि वे राज्य पुलिस क्राइम ब्रांच कार्यालय, कोवडियार, तिरुवनंतपुरम में जांच अधिकारी के. सजीवन के समक्ष उपस्थित हों और जांच में पूर्ण सहयोग करें।
इसके अतिरिक्त, अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि विधायक अपना पासपोर्ट जांच एजेंसी को सौंपें और बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति देश से बाहर न जाएं। कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने के लिए शर्तें लगाई हैं कि जांच में कोई व्यवधान न हो और मामले की सत्यता स्पष्ट हो सके।
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अदालत के आदेश के बाद यह मामला फिर सुर्खियों में आ गया है, खासकर इसलिए क्योंकि यह ममकूटाथिल पर लगा दूसरा गंभीर आरोप है। विपक्षी दलों ने इन मामलों की निष्पक्ष और तेज़ जांच की मांग की है, जबकि सत्तारूढ़ दल के भीतर भी इस पूरे प्रकरण को लेकर चिंता जताई जा रही है।
पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोपों की सत्यता का पता जांच पूरी होने के बाद ही चलेगा, लेकिन मामले की गंभीरता और आरोपों की पुनरावृत्ति ने राजनीतिक और कानूनी दोनों ही मोर्चों पर नई बहस छेड़ दी है।
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