फ़िलिस्तीन की विदेश मंत्री वार्सेन शाहिन ने चेतावनी दी है कि गाज़ा पर जारी इज़रायली कब्ज़ा और फ़िलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा न मिलने से न केवल मध्य पूर्व की स्थिरता, बल्कि वैश्विक शांति भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा गाज़ा संकट “स्वतंत्रता की प्रस्तावना” होना चाहिए, न कि हिंसा के एक और दौर की शुरुआत।
शाहिन ने फ़्रांस, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया सहित लगभग 160 देशों द्वारा फ़िलिस्तीन को मान्यता देने के निर्णय की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कदम दो-राष्ट्र समाधान को मज़बूती प्रदान करता है और इज़रायल के उपनिवेशवादी रवैये को चुनौती देता है।
इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा फ़िलिस्तीन राष्ट्र की अवधारणा को अस्वीकार करने पर शाहिन ने कहा कि “ऐसे विचार पूरे क्षेत्र को अस्थिर करते हैं।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि “लोगों को हमेशा के लिए कब्ज़े में नहीं रखा जा सकता।”
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गाज़ा की स्थिति पर उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के तहत अंतरराष्ट्रीय शांति बल की सीमित भूमिका का समर्थन किया, लेकिन स्पष्ट किया कि “अंततः गाज़ा का नियंत्रण फ़िलिस्तीनी सरकार को ही वापस मिलना चाहिए।”
भारत की भूमिका पर शाहिन ने कहा कि भारत ने हमेशा फ़िलिस्तीन का समर्थन किया है। “भारत शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रों में हमारे साथ है। हम भारत को शांति प्रक्रिया का एक सकारात्मक साझेदार मानते हैं।”
अंत में शाहिन ने कहा, “संवाद ही एकमात्र रास्ता है। न्याय और बातचीत से ही स्थायी शांति संभव है।”
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