सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी संजय की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है और उन्हें तीन सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण (सरेंडर) करने का निर्देश दिया है। संजय के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने एक मामला दर्ज किया है। उन पर आरोप है कि आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रतिक्रिया एवं अग्निशमन सेवा (A.P. State Disaster Response & Fire Services) में महानिदेशक (Director General) रहते हुए उन्होंने टेंडर प्रक्रियाओं में हेरफेर किया।
एसीबी की जांच के अनुसार, संजय ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कुछ कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया और टेंडर प्रक्रिया को प्रभावित किया। इससे सरकारी खरीद में पारदर्शिता पर सवाल खड़े हुए।
निचली अदालत और हाई कोर्ट से राहत न मिलने के बाद संजय ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, शीर्ष अदालत ने भी उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि भ्रष्टाचार से जुड़े गंभीर आरोपों की निष्पक्ष जांच जरूरी है और इसके लिए अधिकारी को जांच एजेंसी का सहयोग करना चाहिए।
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सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि संजय तीन हफ्तों में आत्मसमर्पण करते हैं, तो वे नियमित जमानत के लिए निचली अदालत में आवेदन कर सकते हैं। एसीबी अब उनके खिलाफ सबूत इकट्ठा करने और मामले को तेजी से आगे बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
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