सुप्रीम कोर्ट ने छत्रसाल स्टेडियम हत्या मामले में ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार को मिली जमानत रद्द कर दी। न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के 4 मार्च के आदेश को निरस्त करते हुए सुशील कुमार को एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सुशील कुमार को यह कहते हुए जमानत दी थी कि जांच पूरी हो चुकी है और अब हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की गंभीरता और आरोपों की प्रकृति को देखते हुए हाईकोर्ट का आदेश उचित नहीं है।
मामला 2021 का है, जब दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में मारपीट के दौरान पहलवान सागर धनखड़ की हत्या हो गई थी। इस घटना में सुशील कुमार मुख्य आरोपी के रूप में नामित किए गए थे। दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि सुशील कुमार ने साजिश रचकर इस घटना को अंजाम दिया।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत रद्द करने के लिए पर्याप्त आधार मौजूद हैं। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि अपराध की गंभीरता और समाज पर उसके प्रभाव को देखते हुए आरोपी को मिली राहत पर पुनर्विचार करना जरूरी है।
अब सुशील कुमार को एक सप्ताह के भीतर अदालत या संबंधित पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा। इस फैसले के बाद मामले की सुनवाई फिर से निचली अदालत में आगे बढ़ेगी।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदेश गंभीर अपराधों में जमानत देने के मानकों पर एक महत्वपूर्ण उदाहरण पेश करता है।
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