वेदांता लिमिटेड के बहुचर्चित डिमर्जर (कंपनी विभाजन) मामले की अंतिम सुनवाई एक बार फिर टल गई है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई बेंच ने सोमवार को यह सुनवाई स्थगित करते हुए अब इसकी अगली तारीख 8 अक्टूबर तय की है।
सुनवाई के दौरान एनसीएलटी ने वेदांता और केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालय को पांच दिनों के भीतर अपने-अपने लिखित जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि दोनों पक्ष अपनी दलीलें लिखित रूप में जमा करें ताकि अदालत मामले की अंतिम सुनवाई में सभी पहलुओं का विस्तार से मूल्यांकन कर सके।
गौरतलब है कि वेदांता ने पिछले वर्ष अपनी विभिन्न व्यावसायिक इकाइयों को अलग-अलग स्वतंत्र कंपनियों में बांटने (डिमर्जर) की योजना की घोषणा की थी। कंपनी का तर्क है कि इस कदम से प्रत्येक इकाई को अपनी कार्यप्रणाली और निवेश आकर्षित करने में अधिक सुविधा मिलेगी। इसमें खनन, तेल एवं गैस, धातु और पावर जैसी इकाइयों का स्वतंत्र अस्तित्व स्थापित करने की योजना शामिल है।
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हालांकि, इस डिमर्जर को लेकर निवेशकों और बाजार नियामकों की ओर से कई सवाल उठाए गए हैं। मंत्रालय ने भी इस पर अपनी आपत्तियां और शर्तें दर्ज की थीं, जिन्हें एनसीएलटी सुनवाई में देख रहा है।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला कॉर्पोरेट पुनर्गठन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका असर न केवल वेदांता समूह पर बल्कि पूंजी बाजार और निवेशकों के भरोसे पर भी पड़ेगा।
अब सभी की निगाहें 8 अक्टूबर की सुनवाई पर टिकी हैं, जब एनसीएलटी इस बहुप्रतीक्षित मामले पर अंतिम निर्णय लेने की संभावना है।
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