अमेरिका के इतिहास की सबसे भयावह घटनाओं में से एक, 9/11 आतंकी हमले के 24 साल पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर न्यूयॉर्क में पारंपरिक स्मृति समारोह आयोजित किया गया, जहां पीड़ितों के परिजनों, जीवित बचे लोगों और नेताओं ने हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी।
हालांकि इस साल का आयोजन उस समय हो रहा है जब शहर और पूरे अमेरिका में गहरी राजनीतिक विभाजन की स्थिति बनी हुई है। स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय राजनीति तक ध्रुवीकरण इतना स्पष्ट है कि इसने स्मृति समारोह के माहौल पर भी असर डाला। कई वक्ताओं ने अपने संबोधन में केवल पीड़ितों को याद करने पर ध्यान केंद्रित किया, जबकि कुछ ने इस मौके पर अमेरिका की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों का भी उल्लेख किया।
न्यूयॉर्क के ‘ग्राउंड ज़ीरो’ पर हजारों लोग एकत्र हुए और पारंपरिक रूप से पीड़ितों के नाम पढ़े गए। उपस्थित लोगों ने कहा कि 9/11 केवल एक राष्ट्रीय त्रासदी नहीं थी, बल्कि उसने अमेरिका की पहचान और वैश्विक नीतियों को भी बदल दिया। सुरक्षा व्यवस्था, विदेश नीति और आतंकवाद से निपटने की रणनीति पर इसका स्थायी प्रभाव पड़ा।
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राजनीतिक विभाजन के बावजूद, आम नागरिकों और पीड़ित परिवारों ने एकजुटता का संदेश दिया। उनका कहना है कि 9/11 हमें यह सिखाता है कि विपरीत परिस्थितियों में भी एकता और साहस ही राष्ट्र की असली ताकत है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आज की राजनीतिक असहमति और ध्रुवीकरण के बीच 9/11 की याद हमें यह याद दिलाती है कि राष्ट्रीय एकता और संवेदनशीलता कितनी महत्वपूर्ण है।
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