ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने गुरुवार (18 दिसंबर 2025) को घोषणा की कि देश में नफरत भरे भाषण और हिंसा को बढ़ावा देने वालों पर सख्ती के लिए व्यापक कानूनी सुधार किए जाएंगे। यह कदम सिडनी के बॉन्डी बीच पर यहूदी त्योहार हनुक्का के दौरान हुई सामूहिक गोलीबारी के कुछ ही दिनों बाद उठाया गया है, जिसे लगभग तीन दशकों में देश की सबसे भीषण सामूहिक हिंसक घटना माना जा रहा है।
इस हमले में कथित तौर पर पिता-पुत्र ने सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में गोलियां चलाईं, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, यह हमला इस्लामिक स्टेट से प्रेरित था और इसने पूरे देश को झकझोर दिया, साथ ही ऑस्ट्रेलिया में बढ़ते यहूदी-विरोधी (एंटीसेमिटिक) रुझानों को लेकर चिंता भी बढ़ा दी।
प्रधानमंत्री अल्बनीज़ ने कहा कि सरकार ऐसे कानून लाने की तैयारी में है, जिससे नफरत फैलाने और हिंसा को उकसाने वालों के खिलाफ मुकदमा चलाना आसान होगा और सजा भी अधिक कड़ी होगी। इसके साथ ही, उन संगठनों पर कार्रवाई के लिए भी एक नया ढांचा तैयार किया जाएगा, जिनके नेता नफरत भरे भाषण देते हैं। उन्होंने कहा, “ऑस्ट्रेलियाई जनता स्तब्ध और गुस्से में है। मैं खुद गुस्से में हूं। इस बुराई से लड़ने के लिए हमें और अधिक सख्त कदम उठाने होंगे।”
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न्यू साउथ वेल्स राज्य के मुख्यमंत्री ने भी अगले सप्ताह राज्य संसद का विशेष सत्र बुलाकर हथियार कानूनों में तत्काल सुधार लाने की बात कही है। इस बीच, हमले में मारे गए 15 लोगों में सबसे कम उम्र की 10 वर्षीय बच्ची मटिल्डा का गुरुवार को अंतिम संस्कार किया गया।
हाल के दिनों में यहूदी समुदाय को निशाना बनाकर धमकियों और हमलों की घटनाएं भी सामने आई हैं। सरकार ने फिलहाल गोलीबारी की जांच के लिए रॉयल कमीशन गठित करने से इनकार किया है, यह कहते हुए कि इससे सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान भटक सकता है। पुलिस ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस में सक्रिय इस्लामिक स्टेट से जुड़े नेटवर्क की भी जांच कर रही है।
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