ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बोंडी बीच पर हुई भीषण गोलीबारी के बाद इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि उन्होंने पहले ही ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री को देश में बढ़ते यहूदी-विरोधी भावनाओं (एंटीसेमिटिज़्म) को लेकर चेतावनी दी थी। यह बयान नेतन्याहू ने रविवार (14 दिसंबर, 2025) को उस हमले के बाद दिया, जिसे ऑस्ट्रेलियाई पुलिस और अधिकारियों ने आतंकवादी हमला करार दिया है।
रविवार को एक यहूदी धार्मिक अवकाश के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान हथियारबंद हमलावरों ने भीड़ पर अंधाधुंध गोलियां चला दीं। इस हमले में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 30 लोग घायल हो गए। यह घटना सिडनी के लोकप्रिय और भीड़भाड़ वाले बोंडी बीच इलाके में हुई, जिससे पूरे देश में आक्रोश और शोक की लहर फैल गई।
इज़राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस हमले को “ठंडे दिमाग से की गई हत्या” बताया। उन्होंने कहा कि यहूदी-विरोधी नफरत तब फैलती है जब राजनीतिक नेतृत्व चुप्पी साध लेता है। नेतन्याहू के अनुसार, “जब नेता चुप रहते हैं, तो एंटीसेमिटिज़्म को बढ़ावा मिलता है। कमजोरी को कार्रवाई से बदलना होगा।”
और पढ़ें: पीएम मोदी ने बॉन्डी बीच हमले की कड़ी निंदा की, कहा—आतंकवाद के प्रति भारत की शून्य सहनशीलता
नेतन्याहू ने यह भी संकेत दिया कि ऑस्ट्रेलिया की कुछ नीतियां और रुख अनजाने में यहूदी समुदाय के खिलाफ नफरत को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर पहले ही ऑस्ट्रेलियाई नेतृत्व को आगाह किया था और सख्त कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया था।
इस बीच, ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने हमले की जांच तेज कर दी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस हमले की निंदा हो रही है और कई देशों ने ऑस्ट्रेलिया के साथ एकजुटता व्यक्त की है।
और पढ़ें: अफगान तालिबान अधिकारियों पर ऑस्ट्रेलिया ने लगाए प्रतिबंध और यात्रा बैन