बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग को फरवरी 2026 में होने वाले आम चुनावों में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह फैसला बांग्लादेश के राजनीतिक इतिहास में एक अहम मोड़ माना जा रहा है, क्योंकि 1971 में देश की आज़ादी के बाद पहली बार ऐसा होगा जब अवामी लीग को चुनाव लड़ने से रोका गया है।
यह बयान ऐसे समय में आया है, जब एक दिन पहले ही अमेरिका के कई सांसदों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से “समावेशी चुनाव” कराने की अपील की थी। इसके बावजूद ढाका स्थित अंतरिम सरकार ने अपने रुख को दोहराते हुए कहा कि अवामी लीग पर लगा प्रतिबंध बरकरार रहेगा।
बुधवार (24 दिसंबर 2025) को विदेश सेवा अकादमी में मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा, “अवामी लीग को लेकर हमारी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है।” उन्होंने साफ तौर पर यह संकेत दिया कि फरवरी 2026 में प्रस्तावित आम चुनाव में पार्टी की भागीदारी को पूरी तरह से खारिज किया जा चुका है।
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शफीकुल आलम ने यह भी कहा कि अंतरिम सरकार चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन प्रतिबंधित राजनीतिक दलों को इसमें शामिल करने का कोई सवाल नहीं उठता। सरकार का मानना है कि अवामी लीग के खिलाफ उठाए गए कदम मौजूदा राजनीतिक हालात और देश की स्थिरता को ध्यान में रखते हुए लिए गए हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस फैसले का बांग्लादेश की राजनीति पर दूरगामी असर पड़ सकता है। अवामी लीग लंबे समय तक देश की सत्ता में रही है और उसकी चुनावी प्रक्रिया से अनुपस्थिति विपक्षी दलों के लिए नई संभावनाएं खोल सकती है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस निर्णय पर करीबी नजर रखी जा रही है, खासकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया और चुनाव की निष्पक्षता को लेकर।
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