बांग्लादेश के एक विशेष ट्रिब्यूनल ने रविवार को बर्खास्त प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मानवता विरोधी अपराधों के मामले में ट्रायल की औपचारिक शुरुआत की। यह मुकदमा देश की राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ माना जा रहा है, क्योंकि यह पहली बार है जब किसी पूर्व प्रधानमंत्री पर इस प्रकार का आरोप लगाया गया है।
अभियोजन पक्ष ने हसीना के साथ उनके दो शीर्ष सहयोगियों को भी सह-आरोपी बनाया है। इनमें पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्लाह अल मामून शामिल हैं। इन पर आरोप है कि हसीना के शासनकाल में मानवाधिकारों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन हुआ, विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया गया और राजनीतिक विरोधियों पर अत्याचार किए गए।
ट्रिब्यूनल के अधिकारियों ने कहा कि सुनवाई पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और कानूनी प्रक्रिया के तहत होगी। अभियोजन पक्ष का कहना है कि वे अदालत में पर्याप्त सबूत पेश करेंगे, जिनसे यह साबित होगा कि हसीना और उनके सहयोगी मानवता विरोधी अपराधों में शामिल थे।
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दूसरी ओर, शेख हसीना और उनके वकीलों ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। उनका कहना है कि विपक्ष सत्ता से हटाने के बाद राजनीतिक लाभ लेने के लिए यह मामला चला रहा है।
ट्रायल की अगली सुनवाई अगले सप्ताह निर्धारित है, जहां अभियोजन पक्ष सबूत और गवाह प्रस्तुत करेगा। यह मुकदमा बांग्लादेश के राजनीतिक भविष्य को गहराई से प्रभावित कर सकता है।
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