ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बॉन्डी बीच पर हुए भीषण गोलीकांड में होलोकॉस्ट से बच चुके एक व्यक्ति की भी मौत हो गई है। सेंट विंसेंट अस्पताल के बाहर The Indian Witness से बात करते हुए लारिसा क्लेटमैन ने बताया कि उनके पति अलेक्जेंडर क्लेटमैन इस हमले में मारे गए। दंपती दोनों ही होलोकॉस्ट के जीवित बचे लोग थे।
सोमवार को अधिकारियों ने बताया कि हनुक्का पर्व के अवसर पर आयोजित एक यहूदी समारोह के दौरान दो बंदूकधारियों ने गोलीबारी की, जिसमें एक बच्चे सहित 15 लोगों की मौत हो गई। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने इसे यहूदी विरोधी आतंकवाद का कृत्य बताते हुए कहा कि इसने पूरे देश के दिल पर हमला किया है। पुलिस के अनुसार, हमलावर पिता और पुत्र थे।
यह हमला ऑस्ट्रेलिया के सबसे लोकप्रिय समुद्र तटों में से एक पर हुआ और यह पिछले लगभग 30 वर्षों में देश की सबसे घातक सामूहिक गोलीबारी मानी जा रही है, जबकि देश में सख्त बंदूक कानून लागू हैं। न्यू साउथ वेल्स के पुलिस आयुक्त मल लैन्यन ने बताया कि 50 वर्षीय हमलावर को पुलिस ने मार गिराया, जबकि उसका 24 वर्षीय बेटा घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती है।
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न्यू साउथ वेल्स के प्रीमियर क्रिस मिंस ने बताया कि मृतकों की उम्र 10 से 87 वर्ष के बीच है। कम से कम 42 अन्य लोग अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर है।
यह हिंसा उस समय भड़की जब गर्मी के दिन के अंत में हजारों लोग बॉन्डी बीच पर मौजूद थे। ‘चानुक्का बाय द सी’ कार्यक्रम में बच्चों के लिए फेस पेंटिंग और अन्य गतिविधियां चल रही थीं, तभी अचानक अफरा-तफरी मच गई।
ऑर्थोडॉक्स यहूदी संगठन चाबाद ने पुष्टि की कि मृतकों में रब्बी एली श्लैंगर भी शामिल हैं, जो इस आयोजन के आयोजकों में से एक थे। इज़राइल और फ्रांस ने भी अपने नागरिकों की मौत की पुष्टि की है।
घटना के दौरान एक आम नागरिक अहमद अल अहमद ने साहस दिखाते हुए एक हमलावर को निहत्था कर दिया। प्रीमियर मिंस ने उन्हें “सच्चा हीरो” बताया। पुलिस ने इस हमले की गहन जांच का आश्वासन दिया है और संकेत दिया है कि इसके बाद बंदूक कानूनों में और सख्ती की जा सकती है।
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