चीन की सेना ने शनिवार (1 नवंबर 2025) को कहा कि उसने 30 और 31 अक्टूबर को दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस द्वारा आयोजित संयुक्त गश्त पर निगरानी और ट्रैकिंग की है। यह क्षेत्र लंबे समय से विवादों का केंद्र रहा है, जहां कई देश अपना-अपना दावा करते हैं।
चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सदर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता तियान जुनली ने कहा कि यह गश्त “क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को गंभीर रूप से कमजोर” करती है। उन्होंने फिलीपींस को “क्षेत्र में अशांति फैलाने वाला देश” करार दिया और कहा कि थिएटर कमांड की सेनाएं “उच्च सतर्कता” पर हैं तथा चीन की राष्ट्रीय संप्रभुता और समुद्री अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस गश्त में फिलीपींस के साथ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने भी भाग लिया। यह सैन्य अभ्यास 30 और 31 अक्टूबर को हुआ, जिसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग और सुरक्षा को मजबूत करना बताया गया। अमेरिकी सेवेंथ फ्लीट ने कहा कि यह अभ्यास एक “मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक” के समर्थन में सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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उधर, वॉशिंगटन और मनीला ने 31 अक्टूबर को एक नई संयुक्त टास्क फोर्स बनाने की योजना की घोषणा की, जो दक्षिण चीन सागर सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाएगी। यह क्षेत्र हर साल 3 ट्रिलियन डॉलर से अधिक के वैश्विक समुद्री व्यापार का प्रमुख मार्ग है।
गौरतलब है कि चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है, जबकि ब्रुनेई, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर अपने अधिकार जताते हैं। 2016 में हेग की स्थायी मध्यस्थता अदालत ने चीन के दावे को अंतरराष्ट्रीय कानून के विपरीत ठहराया था, लेकिन बीजिंग ने इस फैसले को अस्वीकार कर दिया।
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