पाकिस्तान की सेना ने गुरुवार को जानकारी दी कि इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के पूर्व प्रमुख फैज़ हमीद को राज्य रहस्यों के उल्लंघन और अधिकारों के दुरुपयोग के आरोप में 14 वर्ष की कठोर कैद की सज़ा सुनाई गई है। सेना की ओर से जारी बयान के अनुसार, उन्हें राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने और कई व्यक्तियों को “अनुचित क्षति” पहुंचाने का दोषी भी पाया गया।
फैज़ हमीद ने 2019 से 2021 तक पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई प्रमुख इमरान खान की सरकार के दौरान ISI प्रमुख के रूप में काम किया था। वह खान के करीबी समर्थक माने जाते रहे हैं और कई अवसरों पर सेना के भीतर की सत्ता संरचना को चुनौती भी दे चुके हैं। खान के सत्ता से हटने के बाद उन्होंने समय पूर्व सेवानिवृत्ति ले ली थी और बाद में पाकिस्तान आर्मी एक्ट के कई उल्लंघनों के आरोप में उनकी सभी सैन्य उपाधियाँ छीन ली गईं।
उन्हें पिछले वर्ष अगस्त में उस समय हिरासत में लिया गया था जब उन पर एक रियल एस्टेट डेवलपर के व्यवसायों पर छापे मारने का आरोप लगा। सेना के अनुसार, विस्तृत और लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद उन्हें सभी आरोपों में दोषी ठहराया गया। बयान में यह भी कहा गया कि राजनीतिक तत्वों के साथ मिलकर “राजनीतिक अस्थिरता भड़काने” से संबंधित एक अन्य मामला अलग से विचाराधीन है।
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पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तारार ने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद भी हमीद इमरान खान को राजनीतिक सलाह देते हुए सक्रिय राजनीति में हस्तक्षेप कर रहे थे। उन्होंने बताया कि आधिकारिक राजसी अधिनियम का उल्लंघन, पद का दुरुपयोग, लोगों को नुकसान पहुंचाना और राजनीतिक उथल-पुथल पैदा करना—ये सभी आरोप साबित हो चुके हैं।
पाकिस्तान में खुफिया प्रमुख सेना में दूसरा सबसे शक्तिशाली पद माना जाता है। इमरान खान को अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के बाद पद से हटाया गया था, जिसके बाद से वह सेना, वर्तमान प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ़ और अमेरिका को अपनी बर्खास्तगी के लिए जिम्मेदार ठहराते रहे हैं।
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