इज़रायल की चेतावनियों को दरकिनार करते हुए गाज़ा के लिए रवाना होने वाली सहायता नौका बेड़े (Aid Flotilla) की तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं। इस बेड़े में पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेट थुनबर्ग भी शामिल हैं। आयोजकों का कहना है कि यह मिशन “आशा और एकजुटता” का संदेश देने के लिए है।
इस मानवीय सहायता अभियान का उद्देश्य गाज़ा में चल रहे संघर्ष के बीच प्रभावित नागरिकों तक दवाइयाँ, भोजन और ज़रूरी सामान पहुँचाना है। हालांकि, इज़रायल ने इस प्रयास के खिलाफ चेतावनी जारी की है और इसे संभावित सुरक्षा खतरे के रूप में देखा है।
इस बीच, इटली ने एक समझौते का प्रस्ताव रखा था जिसके तहत सहायता सामग्री को साइप्रस में उतारकर कैथोलिक चर्च के लैटिन पैट्रिआर्केट ऑफ़ जेरूसलम के हवाले किया जाता। इस संस्था के माध्यम से सामग्री गाज़ा में वितरित की जा सकती थी। इज़रायल ने इस प्रस्ताव का समर्थन भी किया, लेकिन फ्लोटिला आयोजकों ने इसे ठुकरा दिया। आयोजकों का कहना है कि वे सीधे गाज़ा तक पहुँचना चाहते हैं ताकि प्रभावित लोगों तक बिना किसी राजनीतिक बाधा के मदद पहुँच सके।
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ग्रेट थुनबर्ग ने इस मौके पर कहा कि गाज़ा के लोग अभूतपूर्व मानवीय संकट का सामना कर रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चुप नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल राहत सामग्री पहुँचाने का प्रयास नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर न्याय और मानवाधिकारों की आवाज़ बुलंद करने का प्रतीक है।
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जब यह सहायता नौका गाज़ा की ओर बढ़ेगी तो इज़रायल इसकी प्रतिक्रिया कैसे देगा।
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