जर्मनी ने गाज़ा में जारी युद्ध पर अपने रुख में बदलाव के संकेत दिए हैं। जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ ने कहा कि ऐसा संघर्ष, जिसे केवल सैन्य शक्ति के जरिए हल करने की कोशिश की जा रही हो और जिससे लाखों जानें जा सकती हों, उसमें जर्मनी हथियारों की आपूर्ति जारी नहीं रख सकता।
मर्ज़ ने स्पष्ट किया कि जर्मनी इज़राइल के साथ अपने गहरे और ऐतिहासिक संबंधों को महत्व देता है और यह प्रतिबद्धता बरकरार रहेगी। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि गाज़ा संघर्ष में “केवल सैन्य समाधान” की रणनीति न्यायोचित नहीं है। उनके अनुसार, इस तरह का युद्ध न केवल मानवीय संकट को बढ़ाता है बल्कि क्षेत्रीय अस्थिरता को भी गहरा करता है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब इज़राइल की सरकार को गाज़ा में की जा रही कार्रवाई को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। मर्ज़ के अनुसार, जर्मनी शांति प्रयासों का समर्थन करता है और चाहता है कि इस संघर्ष का समाधान राजनीतिक वार्ता और कूटनीति के जरिए खोजा जाए, न कि केवल सैन्य अभियान से।
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नीतिगत इस बदलाव को जर्मनी के विदेश संबंधों में अहम मोड़ माना जा रहा है। कई विश्लेषकों का कहना है कि यह यूरोप के अन्य देशों को भी गाज़ा युद्ध के प्रति अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित कर सकता है।
भले ही जर्मनी ने इज़राइल के साथ अपने सहयोग की पुष्टि की हो, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया है कि वह ऐसे किसी भी कदम से दूर रहेगा जो केवल युद्ध को बढ़ावा दे और शांति की संभावनाओं को खत्म करे।
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