झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने दिवंगत पिता और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन को भावुक श्रद्धांजलि दी। पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा “गुरुजी अमर रहें” के नारे लगाए जाने के दौरान हेमंत सोरेन अपने आँसुओं को रोक नहीं पाए।
हेमंत सोरेन ने कहा, “मेरे पिता झारखंड और यहां के आदिवासी समाज के लिए एक सुरक्षात्मक छाया थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन राज्य के अधिकारों, आदिवासियों के सम्मान और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करते हुए बिताया। वे अपनी आखिरी सांस तक जनता की लड़ाई लड़ते रहे।”
उन्होंने आगे कहा कि शिबू सोरेन न केवल एक राजनीतिक नेता थे बल्कि एक आंदोलनकारी थे, जिन्होंने झारखंड राज्य की पहचान को स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में कई आदिवासी और वंचित समुदायों की आवाज़ राष्ट्रीय स्तर तक पहुंची।
और पढ़ें: शिबू सोरेन का निधन: पूर्व झारखंड मुख्यमंत्री ने ली अंतिम सांस
पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने भी उन्हें याद करते हुए कहा कि “गुरुजी” के नाम से लोकप्रिय शिबू सोरेन की विरासत हमेशा झारखंड की राजनीति और सामाजिक आंदोलनों में जीवित रहेगी। उन्होंने आदिवासी समाज को संगठित करने, उनके अधिकारों के लिए लड़ने और राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।
हेमंत सोरेन ने भरोसा दिलाया कि वे अपने पिता के अधूरे सपनों को पूरा करने और झारखंड को एक मजबूत, न्यायसंगत और समानता आधारित राज्य बनाने की दिशा में काम करते रहेंगे।
और पढ़ें: शिबू सोरेन का निधन: पीएम मोदी ने अस्पताल जाकर दी श्रद्धांजलि, झारखंड में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित