भारत ने हाल ही में हस्ताक्षरित गाजा शांति समझौते (Gaza Peace Agreement) को मध्य पूर्व में स्थिरता और शांति की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है। भारत ने इस अवसर पर पुनः दोहराया कि इज़राइल और फ़िलिस्तीन के बीच स्थायी शांति स्थापित करने का एकमात्र व्यावहारिक मार्ग दो-राज्य समाधान (Two-State Solution) ही है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में गुरुवार (24 अक्टूबर 2025) को आयोजित मध्य पूर्व की स्थिति पर त्रैमासिक खुली बहस के दौरान भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पर्वथनेनी हरीश ने कहा, “यह भारत की हार्दिक इच्छा है कि एक स्थिर और शांतिपूर्ण मध्य पूर्व का सपना साकार हो। deprivation और अपमान किसी की भी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा नहीं होना चाहिए; नागरिकों की जान संघर्ष के कारण नहीं जानी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि यह समझौता क्षेत्र में दीर्घकालिक स्थिरता और आपसी भरोसे को मजबूत करेगा। भारत ने अमेरिका, विशेष रूप से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका की सराहना की, जिन्होंने इस समझौते को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। साथ ही, भारत ने मिस्र (Egypt) और कतर (Qatar) के प्रयासों की भी प्रशंसा की, जिन्होंने बातचीत को सफल बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई।
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भारत ने यह भी दोहराया कि शांति, सुरक्षा और विकास के लिए सभी पक्षों को संयम और संवाद की राह पर चलना होगा। भारत ने कहा कि उसका उद्देश्य हमेशा से क्षेत्र में समानता, न्याय और मानवीय मूल्यों पर आधारित स्थायी समाधान को बढ़ावा देना रहा है।
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