भारतीय मूल के टेलीकॉम उद्योगपति बंकिम ब्रह्मभट्ट पर वैश्विक निवेश दिग्गज ब्लैकरॉक और कई अन्य ऋणदाताओं के साथ 500 मिलियन डॉलर (लगभग ₹4,200 करोड़) की धोखाधड़ी का आरोप लगा है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रह्मभट्ट ने अपनी कंपनियों — ब्रॉडबैंड टेलीकॉम और ब्रिजवॉइस — के माध्यम से फर्जी चालान और काल्पनिक खाते बनाकर भारी ऋण प्राप्त किए।
अगस्त 2024 में दायर मुकदमे में कहा गया है कि ब्रह्मभट्ट की कंपनियों ने झूठे वित्तीय दस्तावेजों के जरिए कर्जदाताओं को गुमराह किया और धन को भारत व मॉरिशस के ऑफशोर खातों में स्थानांतरित कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांसीसी बैंक बीएनपी परिबास ने इन ऋणों के वित्तपोषण में सहयोग किया था, लेकिन उसने मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
यह धोखाधड़ी उस समय सामने आई जब ब्लैकरॉक ने इस वर्ष अपनी निजी-क्रेडिट शाखा HPS इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स का अधिग्रहण किया था। HPS ने सितंबर 2020 से ब्रह्मभट्ट से जुड़ी कंपनियों को ऋण देना शुरू किया था, जो अगस्त 2024 तक 430 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
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मामला जुलाई 2025 में तब खुला जब HPS के एक कर्मचारी ने फर्जी ईमेल डोमेन के माध्यम से सत्यापन में गड़बड़ियां पाईं। जांच में पता चला कि कई ग्राहक ईमेल नकली थे और कुछ अनुबंध 2018 से जाली बनाए गए थे।
HPS द्वारा नियुक्त कानूनी फर्म क्विन इमैनुअल की जांच में खुलासा हुआ कि दो वर्षों से ब्रह्मभट्ट की कंपनियों द्वारा दिए गए हर ग्राहक ईमेल और दस्तावेज़ झूठे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रह्मभट्ट ने “कागज़ पर मौजूद संपत्तियों का भ्रम पैदा किया” और धन विदेशों में स्थानांतरित किया।
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