इंडोनेशिया में विभिन्न समूहों ने अपने विरोध प्रदर्शन वापस लेने की घोषणा की है। इन प्रदर्शनों की शुरुआत एक सप्ताह पहले हुई थी और धीरे-धीरे यह पूरे देश में फैल गए थे। प्रदर्शन की तीव्रता तब और बढ़ गई जब एक पुलिस वाहन की चपेट में आकर एक मोटरसाइकिल टैक्सी चालक की मौत हो गई।
प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि पुलिस की लापरवाही और असंवेदनशीलता के कारण यह घटना हुई, जिसके बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया। कई शहरों में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और पुलिस कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी की।
हालांकि, बढ़ती सुरक्षा व्यवस्थाओं और सख्त निगरानी के चलते अब प्रदर्शनकारी समूहों ने फिलहाल विरोध वापस लेने का फैसला किया है। संगठनों ने कहा कि वे स्थिति पर नजर रखेंगे और यदि सरकार ने न्याय सुनिश्चित नहीं किया, तो वे फिर से आंदोलन शुरू कर सकते हैं।
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पुलिस प्रशासन ने दावा किया कि घटना की निष्पक्ष जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। अधिकारियों ने यह भी कहा कि सुरक्षा उपाय इसलिए बढ़ाए गए हैं ताकि सार्वजनिक व्यवस्था और शांति बनी रहे।
विश्लेषकों का कहना है कि इस घटना ने पुलिस और जनता के बीच अविश्वास को और गहरा कर दिया है। यह देखना होगा कि सरकार इस असंतोष को दूर करने के लिए क्या ठोस कदम उठाती है।
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