ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने गुरुवार (30 अक्टूबर 2025) को अमेरिका के परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने के निर्णय को "गैरजिम्मेदाराना और पिछड़ा कदम" बताया। यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस निर्देश के बाद आया है जिसमें उन्होंने पेंटागन को चीन और रूस के स्तर पर परमाणु परीक्षण शुरू करने का आदेश दिया था।
अराघची ने सोशल मीडिया पर लिखा, “एक परमाणु हथियार से लैस धमकाने वाला देश अब परमाणु हथियारों के परीक्षण फिर शुरू कर रहा है। वही देश ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम को बदनाम करता रहा है।” उन्होंने कहा कि अमेरिका का यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
अमेरिकी निर्णय से एक दिन पहले, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यह दावा किया था कि रूस ने एक परमाणु-सक्षम और परमाणु-संचालित पानी के नीचे चलने वाले ड्रोन का सफल परीक्षण किया है, जो वाशिंगटन की चेतावनियों की खुली अवहेलना थी।
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राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल पोस्ट में लिखा कि “अन्य देशों के परीक्षण कार्यक्रमों के कारण मैंने रक्षा विभाग को हमारे परमाणु हथियारों का परीक्षण समान स्तर पर शुरू करने का निर्देश दिया है।” उन्होंने रूस और चीन का नाम लेकर कहा कि अमेरिका के पास दुनिया में सबसे अधिक परमाणु हथियार हैं और उन्होंने इन हथियारों का "पूर्ण आधुनिकीकरण और नवीनीकरण" करवाया है।
ईरान ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने की दिशा में वर्षों से बने वैश्विक प्रयासों को कमजोर कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा है।
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