इसराइली नौसेना ने गाज़ा की ओर जा रहे एक बड़े सहायता बेड़े (फ्लोटिला) को रोक लिया है। इस बेड़े को “ग्लोबल सुमूद फ्लोटिला” नाम दिया गया था और इसमें लगभग 50 नावें तथा करीब 500 कार्यकर्ता शामिल थे। इनमें पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग, दक्षिण अफ्रीकी नेता नेल्सन मंडेला के पोते मांडला मंडेला और कई यूरोपीय सांसद भी सवार थे।
इसराइल ने कहा है कि उसने फ्लोटिला को सुरक्षा कारणों से रोका, लेकिन इसमें शामिल सभी लोग सुरक्षित हैं। अधिकारियों के अनुसार, उन्हें किसी भी प्रकार की चोट नहीं पहुंचाई गई है और उन्हें सुरक्षित क्षेत्र में ले जाया गया है। इसराइली सरकार का दावा है कि गाज़ा के लिए सीधा समुद्री रास्ता खोलना उसकी सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है, इसलिए ऐसे बेड़ों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाती।
दूसरी ओर, कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस बेड़े का उद्देश्य गाज़ा की घेराबंदी को तोड़ना और वहां के लोगों तक सीधे मानवीय सहायता पहुंचाना था। उनका आरोप है कि इसराइल अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है।
और पढ़ें: गाज़ा के लिए रवाना होगी सहायता नौका, ग्रेट थुनबर्ग भी शामिल, इज़रायली चेतावनी के बावजूद निर्णय बरकरार
ग्लोबल सुमूद फ्लोटिला में शामिल कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं और सांसदों ने भी इसराइल की कार्रवाई की निंदा की है। उनका कहना है कि गाज़ा की जनता को तत्काल मदद की आवश्यकता है और मानवीय प्रयासों को रोका नहीं जाना चाहिए।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह घटना पहले से ही तनावपूर्ण इसराइल-फिलिस्तीन संघर्ष को और बढ़ा सकती है। आने वाले दिनों में इस पर वैश्विक प्रतिक्रिया और तेज़ होने की संभावना है।
और पढ़ें: गाज़ा जा रहे प्रोपलस्तीन बेड़े को रोके जाने पर दुनिया भर में प्रदर्शन