जापान के वरिष्ठ राजनेता और पूर्व रक्षा मंत्री शिगेरू इशिबा ने कहा है कि वह हालिया चुनावी हार के बाद अपने इस्तीफे को लेकर कोई भी फैसला अमेरिका-जापान टैरिफ समझौते की पूरी समीक्षा के बाद लेंगे।
इशिबा, जो कि सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के प्रमुख नेताओं में से हैं, पर तब से दबाव बढ़ रहा है जब पार्टी और उसके गठबंधन सहयोगी कोमेटो ने जापान की 248-सदस्यीय उच्च सदन (हाउस ऑफ काउंसिलर्स) में बहुमत गंवा दिया।
उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "हमने मतदाताओं के संदेश को गंभीरता से लिया है। लेकिन इस्तीफे जैसे महत्वपूर्ण निर्णय को बिना गहराई से समीक्षा किए लेना जल्दबाज़ी होगी। अमेरिका के साथ टैरिफ समझौते की प्रक्रिया एक निर्णायक चरण में है, और मैं उसे पहले देखना चाहता हूं।"
यह टैरिफ समझौता अमेरिका और जापान के बीच कृषि और ऑटोमोबाइल जैसे प्रमुख क्षेत्रों में शुल्कों और व्यापार शर्तों को लेकर हो रहा है, जिससे दोनों देशों के आर्थिक हित जुड़े हुए हैं।
इशिबा की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब पार्टी के भीतर भी नेतृत्व को लेकर असंतोष दिख रहा है। कई नेताओं का मानना है कि चुनावी हार की ज़िम्मेदारी लेते हुए उन्हें तुरंत पद छोड़ देना चाहिए।
हालांकि इशिबा ने यह साफ किया कि वह अभी सिर्फ समझौते की समीक्षा पूरी करने के बाद ही इस्तीफे पर अंतिम निर्णय लेंगे।