मेक्सिको ने चीन और अन्य एशियाई देशों से होने वाले आयात पर नए और कड़े टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अमेरिका, विशेषकर डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की ओर से, व्यापारिक दबाव लगातार बढ़ रहा है। माना जा रहा है कि मेक्सिको इस रणनीति के जरिए घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना चाहता है और साथ ही अमेरिकी टैरिफ से उपजे असर को संतुलित करने की कोशिश कर रहा है।
रिपोर्टों के अनुसार, यह नया आयात कर 1,400 से अधिक उत्पादों पर लागू होगा और कुछ मामलों में यह दर 50% तक पहुंच सकती है। इन उत्पादों में उपभोक्ता सामान, औद्योगिक सामग्री और विभिन्न निर्माण से जुड़े उपकरण शामिल हैं। इस नीति का उद्देश्य सस्ते एशियाई सामानों पर निर्भरता कम करना और स्थानीय उद्योगों को प्रतिस्पर्धी बढ़त दिलाना है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मेक्सिको का यह फैसला न केवल अमेरिकी दबाव का प्रत्यक्ष जवाब है, बल्कि यह देश की दीर्घकालिक आर्थिक रणनीति का हिस्सा भी है। अमेरिका के साथ मेक्सिको का व्यापारिक संबंध गहरा है और वहां लगाए गए टैरिफ का असर मेक्सिको की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। अब यह कदम मेक्सिको को दोहरे लाभ दिला सकता है—एक ओर घरेलू उद्योग को मजबूती और दूसरी ओर एशियाई आयात पर नियंत्रण।
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हालांकि, आलोचकों का मानना है कि ऊंचे टैरिफ उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ा सकते हैं, क्योंकि महंगे उत्पादों की कीमतें सीधे आम लोगों की जेब पर असर डालेंगी। इसके बावजूद, सरकार का मानना है कि यह अल्पकालिक कठिनाई दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता की राह खोलेगी।
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