अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने कहा है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच चल रहे सीमा संघर्ष की स्थिति अब नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए राजनयिक बातचीत और शांति प्रयास जारी हैं।
मुत्ताकी ने कहा, “हम इस स्थिति का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं, लेकिन अगर शांति प्रयास सफल नहीं होते, तो हमारे पास अन्य विकल्प भी मौजूद हैं।” उनके इस बयान से संकेत मिलता है कि अफगानिस्तान फिलहाल कूटनीतिक रास्ते को प्राथमिकता दे रहा है, लेकिन आवश्यक होने पर रक्षात्मक कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा।
हाल ही में दोनों देशों की सीमा — जिसे ड्यूरंड रेखा (Durand Line) कहा जाता है — पर भारी गोलाबारी और झड़पें हुईं, जिसमें दोनों पक्षों को नुकसान हुआ। इन झड़पों के बाद क्षेत्र में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है और नागरिकों में भय का माहौल बना हुआ है।
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पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान से आतंकी हमले उसकी सीमा के भीतर हो रहे हैं, जबकि काबुल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा समस्याओं के लिए अफगानिस्तान को दोषी ठहराना अनुचित है।
मुत्ताकी ने कहा कि अफगानिस्तान कूटनीति और संवाद के माध्यम से विवाद सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है और दोनों देशों को “सहयोग और स्थिरता के रास्ते पर लौटना चाहिए।”
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