राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पंजाब के पूर्व मंत्री के आवास पर हुए ग्रेनेड हमले के मामले में चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इस मामले की जांच NIA ने आतंकवाद और संगठित अपराध के दृष्टिकोण से की थी।
एनआईए के अनुसार, कुलबीर सिंह, जो कि प्रतिबंधित संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) का ऑपरेटिव है, ने अपने सहयोगी मनीष उर्फ काका राणा के साथ साजिश रची। उन्होंने पंजाब के प्रमुख नेताओं को निशाना बनाने और आम जनता में आतंक फैलाने के लिए एक गिरोह का गठन किया। इसके पीछे उद्देश्य BKI के लिए वसूली के माध्यम से धन जुटाना था।
चार्जशीट में आरोप है कि कुलबीर सिंह और उसके सहयोगियों ने योजना बनाई और ग्रेनेड हमले को अंजाम दिया, जिससे पूर्व मंत्री और उनके परिवार की सुरक्षा खतरे में पड़ी। एनआईए ने कहा कि हमले के समय पूर्व मंत्री और उनके परिवार के सदस्य सुरक्षित थे, लेकिन घटना से भय का माहौल बना।
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एनआईए ने चार्जशीट में आरोपियों की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ साक्ष्य भी शामिल किए हैं। अब मामला अदालत में जाएगा, जहां आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के हमले पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों और प्रतिबंधित संगठनों की गंभीरता को दर्शाते हैं। एनआईए की कार्रवाई यह सुनिश्चित करती है कि दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए और भविष्य में ऐसे घटनाओं को रोका जा सके।
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