नीति आयोग ने देशभर में होमस्टे उद्योग को व्यवस्थित और समावेशी बनाने के लिए एक मॉडल नीति की सिफारिश की है। आयोग की रिपोर्ट शुक्रवार को जारी की गई, जिसका उद्देश्य राज्यों के लिए ऐसा ढांचा प्रदान करना है जिसे अपनाकर वे नियमों को सामंजस्यपूर्ण तरीके से लागू कर सकें और होमस्टे व्यवसाय को विकसित कर सकें।
रिपोर्ट में कहा गया है कि होमस्टे पर्यटन को बढ़ावा देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए स्पष्ट और समन्वित नीति की आवश्यकता है। वर्तमान में, विभिन्न राज्यों में होमस्टे के नियम अलग-अलग हैं, जिससे निवेशकों और होमस्टे संचालकों को जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। नीति आयोग का यह मॉडल नीति विभिन्न मानकों, सुरक्षा उपायों और संचालन दिशानिर्देशों को एक समान रूप देने का प्रयास करती है।
रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि राज्यों को स्थानीय संस्कृति और पर्यावरण के अनुरूप होमस्टे संचालनों की अनुमति देने के लिए लचीले नियम बनाने चाहिए। इसके अलावा, होमस्टे मालिकों को प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लिस्टिंग जैसी सुविधाओं से जोड़ने की सिफारिश की गई है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल पर्यटन क्षेत्र को न केवल बढ़ावा देगी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में भी सहायक साबित होगी। मॉडल नीति के लागू होने से होमस्टे संचालन में पारदर्शिता बढ़ेगी और सुरक्षा मानक सुनिश्चित होंगे।
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