पाकिस्तान ने रविवार (3 अगस्त 2025) को ईरान के शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु क्षमता विकसित करने के अधिकार का समर्थन करते हुए कहा कि परमाणु तकनीक का इस्तेमाल ऊर्जा, चिकित्सा और औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। इस मौके पर पाकिस्तान और ईरान ने कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनका लक्ष्य द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक सहयोग को मजबूत करना है।
बैठक में दोनों देशों ने भूगोलिक निकटता का लाभ उठाते हुए वार्षिक व्यापार को बढ़ाकर 8 अरब डॉलर तक करने का निर्णय लिया। इसे “डिस्काउंट ऑफ डिस्टेंस” नाम देते हुए अधिकारियों ने कहा कि इस पहल से व्यापारिक लागत कम होगी और नए आर्थिक अवसर खुलेंगे।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय परमाणु अप्रसार संधि (NPT) के तहत शांतिपूर्ण उद्देश्यों तक सीमित रहना चाहिए। पाकिस्तान ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी देश के शांतिपूर्ण परमाणु विकास के अधिकार का समर्थन करता है, बशर्ते इसका इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों के लिए न हो।
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समझौतों में सीमा सुरक्षा, ऊर्जा आपूर्ति, परिवहन, संचार और निवेश सहयोग जैसे क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। दोनों देशों ने व्यापारिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने और सीमा पार परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियां लागू करने पर सहमति जताई।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता पाकिस्तान और ईरान के रिश्तों को नई दिशा देगा और क्षेत्रीय स्थिरता व आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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