पाकिस्तान ने भारतीय हवाई हमलों के बाद नूर खान एयरबेस को फिर से सुदृढ़ करने और पुनर्निर्माण करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह एयरबेस देश की वायु रक्षा और रणनीतिक संचालन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। अधिकारियों के अनुसार, भारतीय हमलों में एयरबेस को कुछ नुकसान पहुंचा था, जिसे जल्द से जल्द ठीक करने के लिए पाकिस्तान ने उच्च स्तरीय सुरक्षा और इंजीनियरिंग टीम तैनात की है।
नूर खान एयरबेस पाकिस्तान के सबसे प्रमुख हवाई अड्डों में से एक है और यहां से कई रणनीतिक विमान और ड्रोन संचालन किए जाते हैं। हवाई हमले के बाद पाकिस्तान ने तुरंत मरम्मत और सुरक्षा उपायों को तेज कर दिया। एयरबेस की क्षतिग्रस्त संरचनाओं को दोबारा तैयार करने के साथ-साथ सुरक्षा मानकों को भी और कड़ा किया जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम पाकिस्तान की ओर से संदेश है कि देश अपनी सैन्य संपत्तियों की सुरक्षा और उनकी क्षमता बढ़ाने में गंभीर है। उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्य एयरबेस की लड़ाकू क्षमता को जल्द ही बहाल करने और भविष्य में किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए किया जा रहा है।
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इस बीच, पाकिस्तान ने सीमा पर अपने निगरानी और हवाई रक्षा तंत्र को और मजबूत करने की घोषणा की है। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव और हवाई हमलों के बीच यह विकास सुरक्षा और रणनीतिक संतुलन पर असर डाल सकता है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि एयरबेस के पुनर्निर्माण में स्थानीय और विदेशी विशेषज्ञों की सहायता ली जा रही है, ताकि इसे आधुनिक और अधिक सुरक्षित बनाया जा सके।
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