गोवा में आयोजित 10वें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर केंद्रीय मंत्री प्रतापराव ने आयुर्वेद के महत्व और वैश्विक मान्यता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में निवारक चिकित्सा (Preventive Therapy) एक अनूठा अवसर प्रदान करती है, जो केवल रोग का इलाज नहीं करती बल्कि स्वास्थ्य को बनाए रखने और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने में भी मदद करती है।
मंत्री ने बताया कि आयुर्वेद का महत्व अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता प्राप्त कर चुका है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में लोग आयुर्वेद की निवारक और उपचारात्मक तकनीकों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। आयुर्वेद की यह समग्र दृष्टिकोण चिकित्सा के क्षेत्र में नए अवसर और रोजगार के मार्ग भी खोलता है।
प्रतापराव ने यह भी कहा कि आयुर्वेद केवल रोग निवारण का माध्यम नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य संवर्धन, मानसिक संतुलन और जीवनशैली सुधार के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे आयुर्वेदिक जीवनशैली अपनाकर स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा को मजबूत करें।
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राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के समारोह में विभिन्न राज्यों से आए आयुर्वेद विशेषज्ञों, चिकित्सकों और छात्रों ने भाग लिया। उन्होंने आयुर्वेदिक चिकित्सा के विभिन्न पहलुओं, शोध और नवाचारों पर विचार साझा किए।
मंत्री ने समारोह में यह भी जोर दिया कि सरकार आयुर्वेद को आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के साथ जोड़कर और भी प्रभावी बनाने के प्रयास कर रही है। इससे न केवल भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली मजबूत होगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की चिकित्सा परंपरा को भी बढ़ावा मिलेगा।
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