अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने वित्त वर्ष 2026 के बजट प्रस्ताव में नासा के उन प्रमुख मिशनों के लिए कोई फंड नहीं रखा है, जो पृथ्वी पर कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन और अवशोषण की सटीक निगरानी करते हैं। इन मिशनों में ऑर्बिटिंग कार्बन ऑब्ज़र्वेटरी (OCO) कार्यक्रम प्रमुख है, जो जलवायु परिवर्तन पर वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
OCO मिशन की मदद से वैज्ञानिक यह समझ पाते हैं कि पृथ्वी के कौन से हिस्सों से कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन हो रहा है और कहाँ पर यह अवशोषित हो रही है — जैसे कि जंगलों या महासागरों द्वारा। इसके अलावा, यह मिशन पौधों की सेहत और वैश्विक हरित क्षेत्र की स्थिति की निगरानी में भी मदद करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन मिशनों को बंद करना जलवायु परिवर्तन से निपटने की वैश्विक कोशिशों को कमजोर करेगा। वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि इस तरह के डेटा के बिना, नीति निर्धारण और अंतरराष्ट्रीय जलवायु प्रतिबद्धताओं की निगरानी करना कठिन हो जाएगा।
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ट्रम्प प्रशासन पहले भी जलवायु विज्ञान और पर्यावरणीय कार्यक्रमों की बजट कटौती को लेकर आलोचनाओं का सामना कर चुका है। इस नई योजना ने एक बार फिर जलवायु संकट के प्रति अमेरिकी नेतृत्व की प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हालांकि, यह प्रस्ताव अभी शुरुआती चरण में है और इसे अमेरिकी कांग्रेस से मंज़ूरी मिलनी बाकी है। अगर कांग्रेस हस्तक्षेप नहीं करती, तो ये मिशन जल्द ही बंद हो सकते हैं।
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