अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दर्जनों देशों से होने वाले अमेरिकी आयात पर नई समायोजित पारस्परिक (Reciprocal) टैरिफ दरों की घोषणा की है। यह घोषणा 1 अगस्त की उस समयसीमा से पहले की गई है, जिसे ट्रंप प्रशासन ने व्यापार समझौतों के लिए निर्धारित किया था।
नई टैरिफ दरों का उद्देश्य उन देशों पर समान व्यापार शर्तें लागू करना है, जो अमेरिका से आयातित वस्तुओं पर अधिक शुल्क लगाते हैं। ट्रंप ने कहा कि यह कदम अमेरिकी उद्योगों की रक्षा करने और निष्पक्ष व्यापार सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। नई दरें कई प्रमुख श्रेणियों – जैसे इस्पात, एल्युमिनियम, कृषि उत्पाद, वस्त्र, ऑटोमोबाइल और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स – पर लागू होंगी।
सूत्रों के अनुसार, जिन देशों ने अमेरिका के साथ अब तक पारस्परिक व्यापार समझौते नहीं किए हैं, उनके उत्पादों पर अधिकतम टैरिफ लगाया जाएगा। वहीं, जिन देशों ने कम शुल्क दरों पर समझौता किया है, उन्हें कुछ रियायतें दी जाएंगी। इस नीति का मुख्य लक्ष्य चीन, भारत, ब्राजील और यूरोपीय संघ जैसे बड़े व्यापारिक साझेदारों पर दबाव बनाना है, ताकि वे अमेरिका के साथ अधिक अनुकूल समझौते करें।
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अमेरिकी आयातकों का कहना है कि नई दरों से लागत बढ़ सकती है, जिससे उपभोक्ताओं को भी महंगाई का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, ट्रंप प्रशासन का मानना है कि यह कदम दीर्घकाल में अमेरिकी रोजगार और उत्पादन क्षमता को मजबूत करेगा।
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