अमेरिका के अलास्का स्थित जॉइंट बेस एलमेंडॉर्फ–रिचर्डसन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच लगभग ढाई घंटे की बातचीत हुई। इस बहुप्रतीक्षित बैठक के बाद दोनों नेता पत्रकारों के सामने आए, जिसे संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के रूप में प्रचारित किया गया था, लेकिन किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया गया और कोई ठोस समझौता भी सामने नहीं आया।
बैठक को लेकर उम्मीद थी कि अमेरिका और रूस के बीच तनावपूर्ण संबंधों में कुछ नरमी आ सकती है, लेकिन चर्चा के नतीजे निराशाजनक रहे। बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने पारंपरिक कूटनीतिक औपचारिकताओं का प्रदर्शन किया और मीडिया के सामने सिर्फ औपचारिक बयान दिए।
संकेत मिले हैं कि कई अहम वैश्विक मुद्दों—जैसे यूक्रेन युद्ध, परमाणु हथियारों पर नियंत्रण और ऊर्जा बाजार में स्थिरता—पर कोई ठोस प्रगति नहीं हुई। इसके बजाय बैठक का माहौल सियासी तामझाम और शोभायात्रा जैसा रहा।
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राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह बैठक अधिकतर प्रतीकात्मक रही, जिसमें वास्तविक परिणामों की बजाय केवल फोटो अवसर और मीडिया कवरेज पर जोर दिया गया। ट्रम्प और पुतिन ने आपसी संबंधों में सुधार की बात तो कही, लेकिन किसी ठोस रोडमैप या औपचारिक समझौते का उल्लेख नहीं किया।
इस बैठक से यह स्पष्ट हो गया कि अमेरिका–रूस संबंधों में सुधार का रास्ता अभी भी लंबा और कठिन है।
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