अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार तनाव एक बार फिर सुर्खियों में है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि वे अगले चार हफ़्तों में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाक़ात करेंगे। इस बैठक का मुख्य केंद्र सोयाबीन व्यापार और उससे जुड़े विवाद होंगे।
ट्रंप ने आरोप लगाया है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सोयाबीन को एक “बातचीत की रणनीति” के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका कहना है कि चीन द्वारा लगाए गए व्यापार प्रतिबंधों और शुल्कों का सबसे बड़ा असर अमेरिकी सोयाबीन किसानों पर पड़ा है। राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिकी किसान भारी नुकसान झेल रहे हैं और यह मुद्दा अब तत्काल समाधान की मांग चाहता है।
सोयाबीन अमेरिका के कृषि क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और चीन इसका सबसे बड़ा आयातक रहा है। लेकिन व्यापार युद्ध के कारण चीन ने अमेरिकी सोयाबीन की खरीद घटा दी, जिससे अमेरिकी किसानों की आय में भारी गिरावट आई। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि यह स्थिति जानबूझकर बनाई गई है ताकि वार्ता के दौरान चीन दबाव बना सके।
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विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाली बैठक दोनों देशों के बीच तनाव कम करने और व्यापार संतुलन बहाल करने में अहम साबित हो सकती है। यदि सोयाबीन विवाद का हल निकलता है, तो इससे न केवल अमेरिकी किसानों को राहत मिलेगी बल्कि वैश्विक कृषि बाज़ार में स्थिरता भी आएगी।
इस मुलाक़ात को वैश्विक व्यापार जगत बारीकी से देख रहा है, क्योंकि इसके परिणाम अमेरिका-चीन संबंधों की दिशा तय कर सकते हैं।
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