6 अक्टूबर को यूक्रेन ने दावा किया कि उसके ड्रोन ने रूस में स्थित एक हथियार कारखाना, तेल टर्मिनल और गोला-बारूद गोदाम को निशाना बनाया। यह कार्रवाई यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध की नई घटनाओं में शामिल है और क्षेत्र में तनाव को बढ़ा रही है।
यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, इस हमले का उद्देश्य रूस की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करना और उनके लॉजिस्टिक नेटवर्क पर दबाव डालना था। ड्रोन हमले के जरिए हथियार उत्पादन और तेल आपूर्ति को प्रभावित करने का लक्ष्य रखा गया। हालांकि, अभी तक हमले में हुई क्षति का पूर्ण विवरण सामने नहीं आया है और दोनों पक्ष अपने-अपने आंकड़ों का दावा कर रहे हैं।
रूसी अधिकारियों ने इस हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे अपने सैन्य ठिकानों की सुरक्षा को और कड़ा करेंगे और किसी भी प्रकार के नुकसान को जल्द से जल्द पूरा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि रूसी नागरिक क्षेत्रों को कोई खतरा नहीं है और युद्ध के संचालन में सावधानी बरती जा रही है।
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विशेषज्ञ मानते हैं कि ड्रोन हमले भविष्य में युद्ध की दिशा और रणनीतियों पर प्रभाव डाल सकते हैं। ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल युद्ध में बढ़ता जा रहा है, और इससे सामने वाले पक्ष की क्षमताओं को कम करना आसान हो रहा है।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी इस हमले पर ध्यान दिया है। कई देशों ने स्थिति पर नजर बनाए रखने और संकट को बढ़ने से रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया है। यूक्रेन और रूस के बीच इस संघर्ष का असर न केवल सैन्य बल्कि आर्थिक और राजनीतिक रूप से भी महसूस किया जा रहा है।
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