रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि भारत का घरेलू रक्षा उत्पादन वर्ष 2014 के ₹46,000 करोड़ से बढ़कर अब रिकॉर्ड ₹1.51 लाख करोड़ तक पहुँच गया है। उन्होंने बताया कि जो देश पहले हथियारों और उपकरणों के लिए आयात पर निर्भर था, वह अब एक महत्वपूर्ण उत्पादक और निर्यातक बनकर उभरा है।
उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में निरंतर प्रयासों के कारण देश में रक्षा निर्माण क्षमता में बड़ा बदलाव आया है। “हमारी कड़ी मेहनत का नतीजा है कि 2014 में जहां रक्षा उत्पादन लगभग ₹46,000 करोड़ था, वह अब बढ़कर ₹1.51 लाख करोड़ पहुँच चुका है। हमारे रक्षा निर्यात, जो दस साल पहले ₹1,000 करोड़ से भी कम थे, आज लगभग ₹24,000 करोड़ तक पहुँच गए हैं”।
राजनाथ सिंह ने यह बयान 125 रणनीतिक अवसंरचना परियोजनाओं के उद्घाटन के दौरान दिया, जिन्हें बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने पूरा किया है। इनमें 28 सड़कें, 93 पुल और चार अन्य कार्य शामिल हैं, जिन पर ₹5,000 करोड़ की लागत आई है।
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उन्होंने BRO की तकनीकी प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीकों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में परियोजनाओं की गति तेज की है। सिंह ने BRO द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित क्लास-70 मॉड्यूलर ब्रिजेज के उपयोग को ‘आत्मनिर्भर भारत’ का मजबूत उदाहरण बताया।
रक्षा मंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में BRO ने ₹16,690 करोड़ का रिकॉर्ड व्यय किया है, और 2025-26 के लिए इसे बढ़ाकर ₹18,700 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है।
अधिकारियों के अनुसार, पिछले दो वर्षों में BRO ने 356 अवसंरचना परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की हैं, जो उच्च हिमालयी, मरुस्थल, बाढ़ग्रस्त और घने जंगलों वाले क्षेत्रों में इसकी कार्यक्षमता को दर्शाती हैं।
सरकार ने 2025-26 के बजट में BRO का आवंटन बढ़ाकर ₹7,146 करोड़ कर दिया है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
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