संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि इजरायल द्वारा प्रस्तावित नई यहूदी बस्ती योजना अंतरराष्ट्रीय कानून का सीधा उल्लंघन है। यह बयान ऐसे समय आया है जब इजरायल के अतिदक्षिणपंथी वित्त मंत्री बेज़ालेल स्मोट्रिच ने इस लंबे समय से लंबित योजना को आगे बढ़ाने की कसम खाई है। उनका कहना है कि यह कदम “फिलिस्तीनी राज्य की अवधारणा को दफन कर देगा।”
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में किसी भी नई बस्ती का निर्माण अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेषकर चौथे जिनेवा कन्वेंशन, का उल्लंघन है। इस कानून के तहत किसी भी कब्जा करने वाले देश को अपनी आबादी को कब्जे वाले क्षेत्र में बसाने की अनुमति नहीं है।
रिपोर्ट के अनुसार, यह योजना वेस्ट बैंक में नए आवासीय परिसरों और ढांचों के निर्माण से जुड़ी है, जिससे फिलिस्तीनियों के लिए जमीन और संसाधनों तक पहुंच और भी सीमित हो जाएगी।
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अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और अरब देशों ने बार-बार इजरायल से बस्ती निर्माण रोकने की अपील की है। उनका मानना है कि इस तरह की गतिविधियां दो-राष्ट्र समाधान की संभावनाओं को खत्म करती हैं और क्षेत्र में तनाव बढ़ाती हैं।
इजरायली सरकार का तर्क है कि इन क्षेत्रों पर उसका ऐतिहासिक और धार्मिक अधिकार है, जबकि फिलिस्तीनी नेताओं का कहना है कि ये कदम उनके स्वतंत्र राज्य के सपने को असंभव बना रहे हैं।
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