अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वांस ने अपनी पत्नी उषा वांस के धर्म को लेकर उठे विवाद पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उषा, जो एक हिंदू परिवार में पली-बढ़ी हैं, ईसाई धर्म अपनाने की कोई योजना नहीं रखतीं। वांस ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि “एक दिन वह चीजों को वैसे ही देखें जैसे मैं देखता हूं।”
यह विवाद तब शुरू हुआ जब मिसिसिपी विश्वविद्यालय में टर्निंग पॉइंट यूएसए के एक कार्यक्रम में एक दक्षिण एशियाई छात्रा ने उनसे उनके अंतर्धार्मिक विवाह और ट्रंप प्रशासन की आव्रजन नीतियों को लेकर सवाल किया। जवाब में वांस ने कहा था कि “मैं उम्मीद करता हूं कि मेरी पत्नी एक दिन चर्च में वही महसूस करेंगी जो मैंने किया था।”
उनके इस बयान पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया आई। एक यूज़र ने लिखा, “सार्वजनिक रूप से अपनी पत्नी के धर्म को नीचा दिखाना अजीब है।” इसके जवाब में वांस ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “यह घृणित टिप्पणी है। मैं सार्वजनिक व्यक्ति हूं और सवालों से भागने वाला नहीं।”
और पढ़ें: गाज़ा संघर्षविराम उम्मीद से बेहतर, इज़रायल दौरे पर बोले अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वांस
वांस ने कहा, “मेरी पत्नी मेरे जीवन की सबसे बड़ी आशीर्वाद है। उन्होंने मुझे कई साल पहले अपने धर्म से दोबारा जुड़ने की प्रेरणा दी थी। वह ईसाई नहीं हैं और धर्म परिवर्तन की उनकी कोई योजना नहीं है। लेकिन जैसे कई अंतर्धार्मिक रिश्तों में होता है, मैं भी आशा करता हूं कि एक दिन वह चीजों को मेरी तरह देखें। फिर भी, मैं उन्हें हमेशा प्यार और सहयोग देता रहूंगा।”
उन्होंने आगे कहा कि “इस तरह की प्रतिक्रियाएं ईसाई-विरोधी पूर्वाग्रह दिखाती हैं। अपने विश्वास को साझा करना एक सामान्य बात है, इसे गलत ठहराना एक एजेंडा है।”
और पढ़ें: अमेरिका के उपराष्ट्रपति J.D. Vance गाज़ा में नाजुक संघर्षविराम को मजबूत करने के लिए इज़राइल पहुंचे