आज देश में उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान हो रहा है और संसद के सांसद अपने वोट डालेंगे। इस चुनाव में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन और विपक्षी इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी. सुदर्शन रेड्डी आमने-सामने हैं। मौजूदा संख्या बल और राजनीतिक समीकरण एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन के पक्ष में झुके हुए दिख रहे हैं।
चुनाव की प्रक्रिया की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, जो पहला वोट डालेंगे। इसे राजनीतिक रूप से प्रतीकात्मक महत्व का कदम माना जा रहा है, क्योंकि यह सत्तारूढ़ दल की एकजुटता और संगठनात्मक शक्ति को दर्शाता है।
इस बीच, बीजू जनता दल (बीजेडी), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और शिरोमणि अकाली दल ने मतदान से दूर रहने का फैसला किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन पार्टियों के दूर रहने से परिणाम पर खास असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि एनडीए उम्मीदवार के पास पहले से ही पर्याप्त समर्थन है।
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चुनाव से पहले दोनों खेमों ने सांसदों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए रणनीति बनाई थी। एनडीए और विपक्ष, दोनों ने मॉक पोल और बैठकों का आयोजन कर अपने सांसदों को मतदान के लिए प्रेरित किया। विपक्ष का कहना है कि यह चुनाव केवल सत्ता संघर्ष नहीं है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक सिद्धांतों की रक्षा का भी अवसर है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, भले ही परिणाम पहले से अनुमानित हो, लेकिन यह चुनाव संसद में सत्ता और विपक्ष के बीच राजनीतिक संदेश देने का एक अहम मंच है।
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