बीता सप्ताह वैश्विक घटनाक्रमों के लिहाज से बेहद अहम रहा। दक्षिण-पूर्व एशिया से लेकर पश्चिम एशिया और अमेरिका तक कई ऐसे घटनाक्रम सामने आए, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय राजनीति की दिशा और तनावों को उजागर किया। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच विवादित सीमा पर एक बार फिर संघर्ष भड़क उठा, वहीं सीरिया में अल-असद शासन के अंत के एक साल पूरे हो गए। इसी दौरान अमेरिका ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति 2025 जारी की, जिसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘मोनरो डॉक्ट्रिन’ के रूप में देखा जा रहा है।
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच जुलाई 2025 में हुआ संघर्षविराम इस सप्ताह टूट गया। रविवार (7 दिसंबर) को सीमा पर तनाव तब बढ़ा, जब एक झड़प में दो थाई सैनिक घायल हो गए। इसके बाद हालात तेजी से बिगड़ गए और दोनों देशों के बीच पूर्ण युद्ध जैसे हालात बन गए, जो अब भी जारी हैं। कंबोडिया के अनुसार, थाईलैंड ने इस बार अभूतपूर्व सैन्य बल का इस्तेमाल किया। हमलों में एफ-16 लड़ाकू विमान, स्वदेशी रूप से निर्मित केबी-5ई कामिकाजे ड्रोन और भारी तोपखाने का उपयोग किया गया। इन हमलों में सैन्य ठिकानों के साथ-साथ नागरिक क्षेत्रों को भी निशाना बनाए जाने के आरोप लगे हैं।
पश्चिम एशिया में यह सप्ताह सीरिया के लिए भी प्रतीकात्मक रहा, जहां अल-असद शासन के पतन को एक साल पूरा हो गया। दशकों के संघर्ष और गृहयुद्ध के बाद सीरिया अब खुद को दोबारा खड़ा करने की कोशिश कर रहा है, हालांकि राजनीतिक स्थिरता और पुनर्निर्माण अब भी बड़ी चुनौती बने हुए हैं।
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अमेरिका ने इस सप्ताह राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति 2025 जारी की, जिसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘मोनरो डॉक्ट्रिन’ कहा जा रहा है। इसका उद्देश्य वैश्विक मंच पर अमेरिका की भूमिका को नए सिरे से परिभाषित करना है। इसके अलावा, अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित ईरानी तेल टैंकर को पकड़े जाने के बाद वेनेजुएला में संभावित सैन्य हस्तक्षेप की आशंकाएं भी तेज हो गई हैं।
दक्षिण एशिया में, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अगस्त 2024 से सत्ता संभालने के बाद इस सप्ताह संसदीय चुनाव की तारीखों का ऐलान किया, जिससे देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली की उम्मीद जगी है।
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